Monday, 22 April 2013

बातें .....

कबरिस्तान की
 ख़ामोशी 
बातें बहुत करती है ।

हवा वहाँ
हर आतन्तुक का
स्वागत 
अपनत्व से करती है ।

मन सुनता
और बतियाता है
हर उस अनजानी
सरगोशियों से
जो सिरहानों से निकलकर
रूह में
आ बैठी 
फ़ुसफुसाती है ।

ज़िन्दा अगर होता
इक नन्हा सा
दिल ,
बतियाता जरूर
बेले की
अकेली 
उगी
महकती
झाड़ी से ।

रिश्तों की 
सम्बन्धों की ,
यारी - दोस्तियों की
बेशुमार कहानियाँ
सो रहीं हैं
यहाँ
सदियों से ।

कुछ जानी 
कुछ अनजानी
टेढ़ी-मेढ़ी
राहों से
गुज़री है
इसी जमीं से ।

कबरिस्तान की
ख़ामोशी 
बातें 
बहुत करती है .....

19 comments:

  1. बेहतरीन पोस्ट!

    आपका ब्लॉग देख कर बहुत अच्छा लगा आंटी।


    सादर

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    1. आपका बहुत बहुत आभार , यशवंत जी

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  2. हिन्दी ब्लॉग जगत मे आपका हार्दिक स्वागत है।

    आपने लिखा....हमने पढ़ा
    और लोग भी पढ़ें;
    इसलिए कल 24/04/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    धन्यवाद!

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    1. आभार आपका .
      सादर ,
      नीता .

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  3. कब्रिस्तान में खामोशी की चादर के नीचे न जाने कितनी सिसकियाँ सिसकती रहती हैं ।

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  4. बहुत सुन्दर कविता

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  5. खामोशियाँ बहुत बातें करती हैं....
    शोर में तो शब्द खो जाते हैं.........

    सुन्दर रचना नीता जी.

    अनु

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    1. तहे दिल से शुक्रिया , अनु जी

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  6. बहुत खूब ... सच कहा है ये खामोशी कितनी दास्तानें समेटे रहती है अपने अंदर ... जो कभी बाहर नहीं आतीं ...

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    1. सराहना के लिए आभारी हूँ .
      शुक्रिया .

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  7. बिल्कुल दुरुस्त फरमाया है...जाने कितनी कहानियां यहां आकर सोई हुई हैं सदियों से...पूरी दुनिया का आखिरी पड़ाव है जहां वहीं सारी कहानियां आकर सिमट जाती है ..अगर कोई दिल होता तो जाने ये कहानियां कैसी कैसी बातें बताती....।

    आपका ब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है। उम्मीद है कि अक्सर लिखा करेंगी

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    1. सराहना एवं स्वागत के लिए ह्रदय से आभारी हूँ .
      शुक्रिया .

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  8. सदियों की आवाज दबी पड़ी है ,सुनने वाला कान चाहिए

    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest post बे-शरम दरिंदें !
    latest post सजा कैसा हो ?

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    1. बहुत -बहुत शुक्रिया

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  9. Replies
    1. बहुत -बहुत शुक्रिया

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  10. आह! खूबसूरत और गहन। अंतस को टटोल गयी ये रचना ..

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