जन्म हुआ .... दादा-दादी बहुत रोए ..... पिता की आँख छलक उठी ..... एक सिसकी निकली बस .....
पांच वर्ष की हुई .... माँ को आदेश मिला ... फ़्राक के साथ सलवार पहनाओ अब ..... अवहेलना करी .... कहा गया ... अपने घर जाना , जो चाहे करना ....सिर झुक गया .....
तेरह साल की हुई ..... आदेश हुआ ... सिर पर दुप्पटा ओढ़ कर रहो .... आँख उठा कर देखा .... कहा गया ... भले घर की लड़कियाँ-औरतें नज़र नीची रखती हैं ... अपने घर जाना तो सिर उघाड़े फिरना .... पर्दा हो गया .....
पन्द्रह साल की हुई .... बताया गया ... शहर के नामी लोग हैं , जमींदार घराना है , चार दिन बाद आ रहे हैं चुन्नी ओढ़ाने .... आगे पढ़ने की इच्छा जताई .... कहा गया ... अपने घर जाना तो यूनिवर्सिटी भी घूम आना .... किताब बन्द कर दी .....
सोलह साल की हुई .... लाल चुनरी पहन ली .... कहा गया ... हमारे घर में स्त्रियाँ घूँघट करती हैं .... घूँघट ओढ़ लिया .... पति संग चाय पीने को पूछा ... कहा गया ... हमारे घर में बेशर्मी नहीं चलती .... चाय रसोई में चली गई .....
सत्रह साल की हुई .... बेटी आ गई .... कहा गया ... हमारे कुल की नाक कटा दी .... सिर जमीन में घुस गया .....
उन्नीस साल की हुई .... दूसरी बेटी आ गई .... कहा गया ... जब सब खा लें तब जो बचे इसे दे देना .. हमारा तो वंश ही ख़त्म कर दिया .... भूख मिट गई .....
बीसवां साल इक उजाला ले आया .... बेटा आ गया .... कहा गया ... हमारी मनौती का असर है , कुलदीपक आ गया .... आँख झुक गई .....
साल बीतते गए .... बेटियाँ अपने पति के घर चली गईं .... बेटा पिता का हाथ बटाने लगा .... कहा गया ... हमारा खून है .... नतमस्तक हो गई .....
बेटे का विवाह हुआ ... बहू आई .... चाभियाँ उसे सौंप दी गईं .... कहा गया ... पढ़ी-लिखी है , उचित प्रबन्ध करेगी .... किनारे खिसक गई .....
पोता आया .... ढोल-नगाड़ा बजा .... घर का मान बढ़ाने वाला आ गया .... धरती को देखती रही .....
पोता पढ़ गया , ऊँचे पद पर नौकरी करने लगा .... कहा गया ... पीछे कमरे में रहा करो , मेहमान आते हैं .... कोठरी में चली गई .....
शोर मचा था ... विमान सजा था .... वह अपने घर चली गई थी ... सदा के लिए .... आँख बन्द थी .... मुँह पर सन्तोष था .........
http://jwalantimishra.blogspot.in/2012/01/blog-post.html
ReplyDeleteकुछ यही कहानी बयाँ है मेरे शब्दों में ...क्योंकि गद्य हो या पद्य औरत की कहानी हर जगह एक ही जैसी है…
In this global age women condition is not improved it shows narrow mentality of society
ReplyDeleteIn this global age women condition is not improved it shows narrow mentality of society
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